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Sunday, May 12, 2013

Dau Rangi Duniya

एक बाप के दो बेटे , किस्मत जुदा जुदा है , एक भाई बादशाह है , एक कैद में पड़ा है
निकले थे दो मोती - गो एक ह़ी सदफ से , एक पिस रहा है खरल में -एक ताज मे जड़ा है
टहनी पे फूल बाहम गो एक ही चमन थे , एक ज़ुल्फ़ मे लगा है , एक कबर पर चढ़ा है
चन्दन के थे दो टुकड़े , एक साँप के तले है और एक तिलक बन कर माथे पर लग रहा है
किया ही अजब शै है दो रंग यह ज़माना , जो आज बादशाह है , कल को वह ही गदा है

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